लेखनी प्रतियोगिता -14-Jun-2023# मुझ से शादी करोगी?
अनवर की नयी नयी नौकरी लगी थी । तनख्वाह भी अच्छी खासी थी। नाक नक्श तो भगवान ने अच्छे दे रखे थे।बस अब तो दुल्हन आने की देर थी।आफिस मे सभी उसे चिढ़ाते थे क्योंकि उसके अम्मी अबू हर रोज ही उसे फोन पर किसी ना किसी लड़की की फोटो भेजते रहते थे।कभी कभी तो अनवर शर्म से सुर्ख हो जाता जब अपने दोस्तों के बीच बैठा होता और उसकी अम्मी फोन पर ही पूछती ,"बेटा लड़की पसंद आयी।"
बहुत बडे बड़े घरानों से उसके लिए रिश्ते आ रहे थे पर वो ऐसी लड़की चाहता था जो उसके अम्मी अब्बू की जी जान से सेवा करे और आये गये की इज्जत करें बस सब उसे देखे तो यही कहे "बीवी हो तो ऐसी" जैसे अनवर को मिली है।
बहुत से फोटो में से एक फोटो देखकर अनवर का दिल धड़का ।उसे लगा यही मेरी जीवन संगिनी बनने लायक है ।उसने उस लड़की के लिए हां भर दी ।बस एक बार ये पता चल जाए कि वो स्वभाव से कैसी है ।सलमा अनवर की अम्मी के रिश्ते मे दूर की बहन की लड़की थी ।अनवर की अम्मी ने सलमा की मां को देखा था बहुत ही सुलझी हुई समझदार औरत थी।वो यही सोचती कि जैसी मां होगी वैसी ही सुशील बेटी होगी।
निकाह मे अनवर के सभी दोस्त आये थे ।जब उन्होंने सलमा को देखा तो अनवर की किस्मत की तारीफ करने लगे सभी कह रहे थे यार बीवी तो तुम्हें बहुत सही मिली है क्या रुप क्या रंग और सीरत तो तुम्हारी अम्मी ने देखी हुई है उसकी अम्मी की ।भाई तुम तो निहाल हो गये ऐसी बीवी पा कर ।अनवर भी अपनी किस्मत पर नाज कर रहा था।
सुहागरात पर जब अनवर कमरे मे आ रहा था तो उसके पांव जमीन पर नही टिक रहे थे ।एक तो सलमा की खूबसूरती उसे विचलित कर रही थी दूसरा दोस्तों ने इतनी तारीफ करी थी उनकी जोड़ी की तो वह अपने आप को शहजादा सलीम समझ रहा था जो अपनी अनार कली के पास जा रहा था।वह सोचता जा रहा था कि किस प्रकार सलमा लाज की गठरी बनी बैठी होगी वो कमरे मे जाएगा उसका घूंघट उठायेगा तो चांद चमक उठेगा कमरे मे।
बस यही सोचते सोचते वह कमरे का दरवाजा खोलने लगा।
जैसे ही कमरे मे दाखिल हुआ तो हक्का बक्का रह गया।सलमा पलंग से नदारद थी ।वह इधर उधर बगले झांकने लगा उसे लगा शायद कोई रस्म रह गयी होगी कही अम्मी उसे नीचे तो नही ले गयी।वह नीचे से तो अभी आ रहा था लेकिन फिर भी वै एक बार देखने के लिए मुड़ा ही था कि बाथरूम का दरवाजा जोर से बजा ।वह हैरानी से उधर देख रहा था ।सलमा ने सारा दुल्हन का श्रृंगार उतार दिया था और नाइट सूट मे उसके आगे खड़ी थी ।वह अनवर को देखकर बोली,"क्यों तुम्हें क्या लगा था मै लाज से सिमटी तुम्हारा इंतज़ार करूंगी। मुझे ये बातें अच्छी नही लगती ।सुनो मुझे दांयी तरफ सोने की आदत है बहुत थक गयी हूं बती बुझा दो और सो जाओ।मुझे तंग करने की कोशिश भी मत करना।"
यह कह कर सलमा पलंग पर पसर कर सो गयी ।बेचारे अनवर ने देखा पलंग पर जगह थोड़ी है तो वो तकिया उठाकर सोफे पर सो गया।
अगले दिन बहू की मुंह दिखाई की रस्म और पारिवारिक बहू भोज था। लेकिन सलमा की नींद सुबह दस बजे खुली ।सारे रिश्तेदार आये हुए थे वो नाइट सूट मे ही नीचे उतर आयी ।सबसे हाय हैलो करके सीधा किचन मे जाने लगी तो अनवर की अम्मी ने उसे कहा,"ऐ दुल्हन कुछ तो लियाकत करो तुम अपनी ससुराल मे हो ये मायका नही है तुम्हारा जो ऐसे घूम रही हो।"
सलमा ने अनवर की अम्मी की तरफ घूर कर देखा और उपर चली गयी कपड़े बदलने के लिए। जब आयी तो जीन्स टाप पहन कर ।अनवर की अम्मी ने माथा पीट लिया कि ये हमने क्या किया हमने लड़की की जांच पड़ताल नही की और एक बेशर्म और बेहया को अपने फूल से बेटे के गले बांध दिया।दो दिन बाद अनवर आफिस गया तो सभी दोस्त चुटकियां लेने लगे । कोई बोला कि अनवर की तो चांदी हो गयी जो ऐसी बीवी मिली है सुंदरता का आइना और पैसों की बरसात करती हुई घर मे प्रवेश किया है और एक आदमी को क्या चाहिए।
लंच टाइम मे अनवर अपने सबसे अच्छे दोस्त के आगे बिखर गया उसने आंखों मे आंसू भर कर सारी बातें बता दी अपने दोस्त को ।उसने अनवर को सलाह दी कि अनवर मुझे लगता है भाभी की शादी भाभी की मर्जी से नही हुई है तुम जरा पता करो ।हो सकता है वो फ्रस्ट्रेशन मे ऐसा व्यवहार कर रही हो।
अनवर को भी बात समझ आ गयी।रात को जब वो कमरे मे आया तो सलमा पलंग पर लेट चुकी थी आज अम्मी ने उसकी सारी बदतमीजी बताई कि वो किस तरह से उनके सामने बोली। बड़ों का कोई अदब नही है उसके मन मे।
वह कमरे मे आकर सोफे पर बैठ गया और उसने सलमा से पूछा,"देखो मुझे लगता है तुम्हारा निकाह तुम्हारी मर्जी से नही हुआ है ।अगर ऐसा है तो मुझे बताओ ।अगर ओर कोई है तो भी बता दो मै स्वयं तुम्हें उसके पास ले चलूंगा।"
सलमा तो जैसे भरी बैठी थी वो एक दम से बिफर पड़ी,"तुम्हें अब ये बात पूछनी याद आ रही है । शादी से पहले क्यों नही पूछा मै सब बता देती कि गली के एक लड़के को मै दिलोजान से चाहती थी वो मुझे मुंबई ले जा कर हिरोइन बना रहा था कि तुम्हारी अम्मी पहुंच गयी रिश्ता लेकर ।मेरे अम्मी अब्बू तो मुझ से जान छुड़ाना चाहते थे । इसलिए रिश्ते के लिए फटाफट हां कर दी । मैंने घर से भागने की बहुत कोशिश भी की पर मुझे पहरे मे रखा गया और मेरी शादी तुमसे जबरदस्ती करा दी गयी।
अनवर पर तो जैसे सौ बिजलियां तड़तड़ाहट कर के गिर गयी ।वह अपने आप को संयत करके बोला,"तुम मुझे उसका नाम और पता बता दो कल पगफेरे पर जाएंगे तो उससे भी मुलाकात हो जाएगी।"
सलमा तो खुशी से पागल सी हो गयी कि चलो इस अनचाहें रिश्ते से छुटकारा मिलेगा।
अगले दिन सलमा की अम्मी ने उन्हें अपने यहां बुलाया था। दोनो समय पर वहां पहुंच गये। थोड़ी देर बाद अनवर सलमा की अम्मी से पूछकर सलमा को शहर घुमने के बहाने बाहर ले आया।अब दोनों खुलकर बात कर सकते थे।सलमा ने अपने बायफ्रेंड के घर का पता बता दिया दोनों उसके घर पहुंचे ।अनवर ने सलमा को थोड़ा हटकर खड़े होने को कहा और खुद दरवाजे के सामने खड़ा हो गया।अनवर ने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से बिखरे बालों वाला बड़ा ही वाहियात किस्म का लड़का बाहर आया ।पीछे पीछे एक लड़की का स्वर भी गूंजा,"कौन है जानू?"
तभी अनवर सामने से बोला,"मेरा नाम अनवर है ।किसी सलमा को जानते हो ।"
वो बोला,"क्या बात है"
अनवर ने कहा,"उसकी कोई चीज गुम हो गयी है वो तुम्हारे पास है वो उसे वापस चाहिए।"
तभी वो लड़का बोला,"मेरे पास उस साली की कोई चीज नहीं है मैंने तो सोचा था साली से पैसे झाड़ू गा और हिरोइन के सपने दिखाकर पैसा हजम कर जाऊंगा फिर उसे छोड़ दूंगा पर साली के मां बाप हरामी निकले ।उसकी शादी कही और करा दी।"
वो लड़का सलमा को बार बार साली कह रहा था जिससे अनवर का खून खोल गया।उसने उसका गिरेबान पकड़ा और घसीटते हुए उसे पूरे मुहल्ले के सामने ले आया और उसके कान मे ये कहकर "साली किसे बोलता है बे।वो मेरी पत्नी है" ये कहकर उसे रुई की तरह धुन दिया।
अब सलमा को इतनी शर्म आ रही थी कि वो पलकें तक उपर नही उठा पा रही थी।वे दोनों चुपचाप घर आ गये। सलमा मायके से विदा हो कर ससुराल आ गयी ।रात को जब अनवर कमरे मे पहुंचा तो हैरान रह गया सलमा दुल्हन के जोड़े मे सजी संवरी उसका इंतजार कर रही थी जैसे ही अनवर ने कमरे मे कदम रखा सलमा दोडकर उसके सीने से लिपट गयी और आंखों मे आंसू लाकर बोली ,"मुझे माफ कर दो मै बहक गयी थी सही मायने में आपने मेरी आंखें खोल दी।आपने मुझे नर्क के गर्त मे गिरने से बचा लिया मुझे माफ कर दो।"यह कहकर सलमा रोती रोती उसके पैरों से लिपट गयी बस यही बोलती जा रही थी ,"मै एक अच्छी बीवी बनकर दिखाऊं गी।देखना लोग आप को कहेंगे "बीवी हो तो ऐसी।"
सलमा ने इस अंदाज मे कहा कि अनवर अपनी हंसी रोक नही पाया वो जोर से हंस पड़ा और जोर से हंसते हुए बोला," अब बेगम मुझ से शादी करोगी ?"
सलमा भी शर्माते हुए मुस्कुरा दी।
madhura
16-Jun-2023 06:19 PM
good story
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वानी
15-Jun-2023 10:31 AM
Nice
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Punam verma
15-Jun-2023 08:19 AM
Very nice
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